Profile Pic of Manish Patel Manish Patel

भक्तिकालीन बाज़ारवाद और भक्ति

  • Authors Details :  
  • Manish Patel

504 Views Research reports

भारतीय मध्यकालीन समाज और संस्कृति की समझ रखने और समझने की कोशिश करने वाले हरेक अध्येता की नज़र इस ओर जाती है कि बाज़ार भक्तिकालीन कवियों के बात करने का एक ख़ास बिन्दु रहा है। जहाँ ये कवि बाज़ार को सबसे अधिक जनतांत्रिक जगह के रूप में प्रस्तुत करते रहे हैं, चाहे वे कबीर रहे हो रैदास हो या फिर तुलसी। ये कवि हमें होशियार भी करते हैं कि बाज़ार में सारी भौतिक चीजें बिक रही हैं आप उन्हें खरीद सकते हैं मगर प्रेम आप नहीं खरीद सकते। ये कवि प्रेम की लगातार वक़ालत करते है। इनके पास दुनिया को खूबसूरत बनाने का एक ही रास्ता है -प्रेम। वे बताते हैं कि कैसे ये भौतिक चीजें मनुष्य के प्रेम को ब्रह्म यानी ज्ञान या मानवता के रास्ते में रोड़ा बन जाती हैं। साथ ही कैसे भौतिक चीज़ें आज अपनी पाँव तेजी से पसारती जा रही हैं।

Article Subject Details




Article File

Full Text PDF